हिन्दू धर्म में महा शिवरात्रि का अत्यधिक महत्त्व है। यह बड़े धूम धाम से मनाई जाती है एवं इस दिन व्रत, पूजन आदि कार्य किये जाते हैं। हमारे धर्म की एक बहुत बड़ी विशेषता यह भी है कि हमारे सभी त्यौहार केवल धार्मिक महत्व ही नहीं रखते बल्कि इनके वैज्ञानिक महत्व भी होते हैं। कुल मिलाकर हम कह सकते हैं कि हमारे त्यौहार जान कल्याण हेतु ही बने हैं। आज आप जानेंगे महाशिवरात्रि का वैज्ञानिक महत्व।
महाशिवरात्रि का वैज्ञानिक महत्व
महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ का विवाह माता पार्वती के साथ हुआ था एवं यह दिन बहुत ही पवित्र भी माना जाता है भक्तो के द्वारा शिव बारात निकाली जाती है तथा जगह जगह प्रसाद वितरण किया जाता है। इस दिन शंकर भगवान की पूजा की जाती है तथा शिवलिंग का जलाभिषेक किया जाता है और भगवान से हर मनोकामना पूर्ण करने की कामना की जाती है, भगवान शंकर को प्रसन्न करने का यह सबसे शुभ दिन माना गया है, इस दिन शंकर भगवान हर किसी की प्रार्थना सुनते हैं। महाशिवरात्रि पर व्रत रखने , शिव जी की पूजा करने तथा दान धर्म करने से भविष्य में आने वाली आपदा से भगवान शिव आपकी रक्षा करते हैं।
हिन्दू धर्म में हर त्यौहार का सम्बन्ध किसी न किसी देवता से अवश्य होता है और साथ ही उनका वैज्ञानिक महत्व भी होता है। उसी प्रकार महाशिवरात्रि का भी वैज्ञानिक महत्व महत्व है। कहा जाता है कि इस रात्रि को पृथ्वी के उत्तरी गोलार्द्ध की स्थित ऐसी होती है कि वह मनुष्य के अंदर की ऊर्जा को प्राकृतिक तौर पर ऊपर की तरफ ले जाने का कार्य करती है। प्रकृति का असर इस प्रकार होता है कि मनुष्य को उसके आध्यात्मिक शिखर तक जाने के सारे मार्ग सुगम हो जाते है। महाशिवरात्रि की रात्रि में अगर कोई सीधा बैठ कर ध्यान करता है तो उसकी ऊर्जा में बढ़ावा होता है तथा सकारात्मक परिमाण मिलते हैं।

FAQs
महाशिवरात्रि के दिन भगवान शंकर और पार्वती जी का विवाह हुआ था इसीलिए इस दिन महाशिवरात्रि मनाई जाती है।
8 March को शिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है।
कुछ और महत्वपूर्ण लेख –
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