श्री शिवाय नमस्तुभ्यं एक ऐसा मंत्र है जो इस भवसागर में आपकी नैया पार लगा सकता है। इस मंत्र के जाप करने मात्र से मनुष्य के बिगड़े काम बन जाते हैं। पंडित प्रदीप जी मिश्रा (सीहोर वाले) बताते हैं कि जो इस मंत्र का सच्चे मन से जाप करता है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है, उस व्यक्ति को पुनः इस मृत्युलोक में जन्म नहीं लेना पड़ता। पंडित जी से कई लोग पूछते रहते हैं कि क्या श्री शिवाय नमस्तुभ्यं नहाने के बाद ही जपना चाहिए? क्या नहाने से पहले बासी रहकर इस मंत्र का जाप करने से पाप लग सकता है? इसी सवाल का जवाब हाल ही में प्रदीप मिश्रा जी ने बताया जो कि अग्रलिखित है।
क्या श्री शिवाय नमस्तुभ्यं नहाने के बाद ही जपना चाहिए?
श्री शिवाय नमस्तुभ्यं जपने का समय: प्रदीप मिश्रा जी कहते हैं कि जैसे मृत्यु का कोई समय नहीं होता, यमराज आपसे आकर ये नहीं कहते कि अभी तुम नहाये नहीं हो पहले नहा लो उसके बाद ही तुम्हें लेकर जाऊंगा… वैसे ही श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र जपने का भी कोई समय निश्चित नहीं है। आप बिना नहाये भी इस तारण मंत्र का जाप कर सकते हैं।
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और वैसे भी कबीर जी ने भी कहा है कि नहाये धोये क्या हुआ, जो मन का मैल न जाए? अतः यदि आप नहा भी लिए हैं और मन आपका दूषित है तो आप कितना ही कोई मंत्र जप लो या कुछ भी करलो आपका भला नहीं होगा।
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