आप टाटा कंपनी का मालिक कौन है? इस प्रश्न की तलाश में हमारी साईट पर आ पहुचे है इसमें हम आपकी पूरी मदद करेंगे। टाटा कम्पनी एक ऐसी मल्टीनेशनल कंपनी है जो की 100 से भी अधिक देशों में अपना स्थान बना चुकी है। आज टाटा कम्पनी उस आसमान की बुलंदियों को छू रहा है की अगर यह अपनी सारी कंपनी बंद कर दे तो देश की जीडीपी में काफी गिरावट हो जाएगी।
टाटा कंपनी का मालिक कौन है ?
Tata Company Ka Malik Kaun Hai: टाटा कंपनी के मालिक का नाम रतन टाटा है। इसके अलावा वे टाटा कम्पनी के नए चेयरमैन भी हैं। रतन जी ने जमशेदजी और जेआरडी टाटा की तरह इस कम्पनी को काफी सही ढंग से संभाला है। पिछले 50 सालो में रतन जी ने कम्पनी को नयी ऊंचाईयों तक पहुँचाया हैं।
रतन टाटा भारत के सबसे बड़े बिजनेसमैन क्यों हैं ?
कई कंपनियों को खरीदने और उन्हें भी अच्छे मुकाम तक पहुँचाने के कारण आज रतन टाटा भारत के सबसे बड़े बिजनेसमैन बन चुके हैं। जब-जब देश को किसी आर्थिक समस्या ने घेरा है तब-तब रतन टाटा ने आगे बढ़कर देश की सहायता की है। यही वजह है की लोग उनका आदर करते हैं और एक नेक इंसान मानते हैं। 65% चैरिटी में अपनी आय का दान करने वाले टाटा समूह का एक चेरिटेबल ट्रस्ट भी है जिसका नाम टाटा चेरिटेबल ट्रस्ट रखा गया है। यह ट्रस्ट ज़रूरतमंदो की सेवा के लिए सदा अग्रसर रहा है।
टाटा किस देश की कंपनी है ?
टाटा कंपनी की शुरुआत भारत में है और आज भारत के साथ यह कम्पनी दुनिया के 100 से अधिक देशों में सफलतापूर्वक अपना बिजनेस फैला चुकी है। इस कम्पनी का मुख्यालय मुंबई में स्थित है।
टाटा कम्पनी किन-किन क्षेत्रों में कार्यरत है ?
टाटा कंपनी कई क्षेत्रों में कार्यरत है जिसमें केमिकल, ऑटोमोटिव, रिटेल, रियल एस्टेट्स, लाइफ इन्शुरन्स, इ-कॉमर्स, होम अप्प्लाइंसेस आदि शामिल है। इसके हर क्षेत्र में काम करने के कारण इसके अलग-अलग नाम हैं जैसे की टाटा मोटर्स, टाटा चेमिकल्स, टाटा कंसल्टेंसी, टाटा स्टील, टाटा कंस्यूमर, टाटा एडवांस्ड सिस्टम, टाटा कम्युनिकेशन्स।
टाटा कंपनी का इतिहास
जमशेदजी टाटा द्वारा टाटा कंपनी की स्थापना 1868 में की गयी थी। जमशेदजी का जन्म 1839 को हुआ था। उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद अपने पीता के बिज़नेस में हाथ बटाना शुरू कर दिया।
1868 में रुई बनाने के कारखाने से जमशेदजी टाटा ने टाटा कम्पनी की शुरआत की और फिर टाटा कम्पनी धीरे-धीरे दूसरे क्षेत्रो में भी अपनी जगह बनाने लगी। जमशेदजी ने अपनी कम्पनी की शुरुआत अपना सपना पूरा करने के इरादे से की थी। उनका सपना था कि वे देश में एक आलिशान होटल बनाएं और इसके अलावा भी उनके कई सपने थे। अपने सपने को सच करने के लिए उन्होंने बेहद मेहनत की और एक आलिशान होटल का निर्माण किया जिसका नाम ताज होटल रखा गया। इसके बाद 1904 में उनका निधन हो गया।
1904 में जमशेदजी टाटा के बाद उनके बेटे दोराबजी को टाटा कम्पनी का मालिक बनाया गया। उन्होंने 1938 में अपने पद से स्तीफा दे दिया और उसके बाद जेआरडी टाटा को टाटा ग्रुप का नया चेयरमैन बनाया गया। जेआरडी टाटा ने टाटा एयरलाइन्स के नाम से एक कम्पनी खोली थी जिसे बाद में भारत सरकार ने ले लिया और इसका नाम एयर इंडिया कर दिया। जेआरडी टाटा ने 1991 में अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
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