डेबिट कार्ड क्या होता है

जानिए डेबिट कार्ड ( Debit Card ) क्या होता है और कैसे बनता है…

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By Shubham Jadhav

आपने कई बार लोगों के मुँह से या फिर टीवी एड पर डेबिट कार्ड का नाम सुना होगा। बैंक भी डेबिट कार्ड के बारे में बताती ही रहती है। लेकिन काफी लोगों को इसका मतलब पता नहीं होता व इसे वे क्रेडिट कार्ड से कंफ्यूज कर देते हैं। तो चलिए आज आपके सारे कन्फ्यूजन को दूर करते हुए हम बताते हैं कि आखिर ये डेबिट कार्ड क्या होता है? कैसे आप इसे बनवा सकते हैं और क्या क्या इसके काम होते हैं।

डेबिट कार्ड क्या होता है

What is Debit Card in Hindi: असल में देखा जाए तो डेबिट कार्ड और कुछ नहीं बल्कि आपका ATM कार्ड ही है। जैसा कि इसके नाम से ही प्रतीत होता है “डेबिट कार्ड” यह एक प्रकार का ऐसा कार्ड है जो आपके खाते में से धन राशि डेबिट करने की सुविधा यानी आपके खाते में से पैसा निकालने की सुविधा आपको उपलब्ध कराता है। आपके अकाउंट में जो भी पैसा है वो आप इस कार्ड के माध्यम से किसी नजदीकी एटीएम मशीन से जाकर निकाल सकते हैं। या फिर आप इसके माध्यम से ऑनलाइन ट्रांजैक्शन या किसी दुकान पर जाकर भी पेमेंट इत्यादि करके शॉपिंग कर सकते हैं।

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डेबिट कार्ड कैसा होता है?

यह एक हार्ड प्लास्टिक का कार्ड होता है जिस पर 16 डिजिट का एक नंबर लिखा होता है जो इसे यूनिक बनाता है। इसके अलावा इस पर धारक का नाम, कार्ड की जारी करने का महीना व साल व एक्सपायरी का महीना व साल लिखा होता है। डेबिट कार्ड पर आजकल फ्रंट पर एक चिप भी देखने को मिलती है। इस चिप के माध्यम से मशीन आपके कार्ड का डिटेल पढ़ सकती है साथ ही यह डेबिट कार्ड की सुरक्षा को भी बढ़ाती है।

इसके अलावा पीछे आपको CVV ( Card Verification Value ) कोड देखने को मिलता है। इस CVV के माध्यम से आप ऑनलाइन ट्रांजैक्शन कर सकते हैं। साथ ही कार्ड पर पीछे एक मैग्नेटिक स्ट्रिप होती है और कुछ कार्ड्स पर एक्स्ट्रा सिक्योरिटी के लिए एक ग्रिड भी दी गयी होती है। यह ग्रिड ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के समय काम में आती है। जब आप कहीं साइट पर इंटरनेट बैंकिंग से पेमेंट कर रहे होते हैं तो उस ट्रांजैक्शन को वेलिडेट करने के लिए आपसे इस ग्रिड में लिखी गयी संख्या एंटर करने को कहा जाता है।

कुछ डेबिट कार्ड पर एक Wi-Fi सिग्नल भी होता है जिसका मतलब ये है कि उस कार्ड की सहायता से आप किसी भी दुकान पर जाकर डेबिट कार्ड मशीन से केवल टच करके ही पेमेंट कर सकते हैं! जी हाँ! वैसे तो आप यदि किसी दूकान से कोई सामान खरीदते हैं तो आपको POS मशीन पर पेमेंट करने हेतु अपना पिन डालना होता है लेकिन यदि आपके कार्ड में वायरलेस ट्रांजैक्शन सुविधा उपलब्ध है और आपने इसे ऑन करके रखे हुए हैं तो एक लिमिट तक आप पेमेंट केवल कार्ड को मशीन से टच करके ही कर सकते हैं। कई बैंक यह लिमिट सेट करने की सुविधा आपको देती है और कई बैंक अपने आप ही इस लिमिट को मैनेज करती है।

डेबिट कार्ड के अलग अलग प्रकार

डेबिट कार्ड या एटीएम कार्ड का मतलब ये नहीं कि बैंक सभी कस्टमर्स को एक ही तरह का डेबिट कार्ड देती है! बैंक के पास काफी सारे अलग-अलग कार्ड टाइप्स होते हैं जो अलग-अलग कस्टमर की सुविधा के लिए होते हैं। बैंक अपने कार्ड्स के अलग अलग नाम रखती है। जैसे हम पंजाब नेशनल बैंक की बात करें तो इसमें क्लासिक, प्लैटिनम व गोल्ड कार्ड हैं।

इन डेबिट कार्ड्स की विथड्रावल व ऑनलाइन शॉपिंग लिमिट अलग-अलग होती है। सबसे बेसिक कार्ड पर आपको दिन भर में 20,000 रूपये तक विथड्रावल लिमिट मिलती है। जबकि यदि आप एक हाई एन्ड कार्ड लेंगे तो उस पर आपको 5 से 10 लाख रूपये तक पैसा निकालने की लिमिट मिल जाती है।

भारत में निम्न वैरिएंट/प्लेटफार्म पर आधारित डेबिट कार्ड जारी किये जाते हैं।

  • वीजा डेबिट कार्ड
  • रुपे डेबिट कार्ड

इंटरनेशनल डेबिट कार्ड क्या होता है?

इंटरनेशनल डेबिट कार्ड वह डेबिट कार्ड होता है जिसके माध्यम से आप किसी भी अंतर्राष्ट्रीय वेबसाइट पर भुगतान कर सकते हैं। यह आपको डॉलर व अन्य मुद्राओं में भुगतान की सुविधा देता है। इसके अलावा यदि आप विदेश में जाते हैं तो भी अपने इस कार्ड की सहायता से वहाँ के एटीएम कार्ड से पैसा निकाल सकते हैं व वहाँ के दुकानों पर भी खरीददारी कर सकते हैं। हालांकि इन ट्रांजेक्शन्स को करने के लिए आपको एक फी देनी पढ़ती है।

डेबिट कार्ड का इतिहास

भारत में पहला एटीएम 1987 में एचएसबीसी द्वारा मुंबई में स्थापित किया गया था। अगले दस वर्षों में भारत में लगभग 1500 एटीएम स्थापित किये गये।

1990 के दशक में मैग्नेटिक स्ट्राइप तकनीक की शुरुआत के साथ डेबिट कार्ड की कार्यक्षमता और स्वीकार्यता को और बढ़ाया गया। इस नवाचार ने उपयोगकर्ताओं को भुगतान करने के लिए पॉइंट-ऑफ-सेल (पीओएस) टर्मिनलों पर आसानी से अपने कार्ड स्वाइप करने में सक्षम बनाया, जिससे विभिन्न व्यापारियों के लिए डेबिट कार्ड अधिक व्यापक रूप से उपलब्ध हो गए। इसे “कैश डिस्पेंसर” कार्ड कहा जाता था।

2008 में आये RUPAY डेबिट कार्ड ने भारतीय आबादी के एक बड़े वर्ग को सस्ती और सुरक्षित डेबिट कार्ड सेवाएं प्रदान की और एक स्वदेशी कार्ड के रूप में काफी फायदा पहुचाया। इस कार्ड ने वित्तीय समावेशन को भी बढ़ावा दिया। डेबिट कार्ड अब देश भर में लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण वित्तीय उपकरण है, जो विभिन्न व्यापारियों, ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म और एटीएम पर लेनदेन को सक्षम बनाता है।

डिजिटल भुगतान के तेजी से बढ़ रहा है और कैशलेस अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई प्रयास कर रही है, हाल के वर्षों में डेबिट कार्ड का उपयोग बढ़ा है।

डेबिट कार्ड के उपयोग:

डेबिट कार्ड के माध्यम से आप निम्न तरह के ट्रांजैक्शन कर सकते हैं।

एटीएम से कैश निकालना या बैलेंस चेक

debit card in hindi
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डेबिट कार्ड का सबसे मुख्य उपयोग यही है कि आप इसके माध्यम से अपने बैंक खाते से बिना बैंक जाए निकाल सकते हैं। आप किसी भी एटीएम पर जाकर डेबिट कार्ड मशीन में डालकर, अमाउंट भरके और अपना पिन दर्ज करके पैसा विथड्रॉ कर सकते हैं।

इसके अलावा आपके खाते में कितना पैसा उपलब्ध है यह बैलेंस चेक भी आप एटीएम के द्वारा कर सकते हैं। इसके अलावा कई डेबिट कार्ड पर मोबाइल नंबर अपडेट करने जैसी सुविधाएं भी एटीएम मशीन में मिल जाती है।

ऑनलाइन शॉपिंग

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डेबिट कार्ड क्या होता है बताइए

डेबिट कार्ड के माध्यम से ऑनलाइन शॉपिंग भी की जा सकती है। एक डेबिट कार्ड आपको किसी वेबसाइट या एप्प पर भुगतान करने की सुविधा प्रदान करता है। इसके लिए आपको अपने डेबिट कार्ड पर ऑनलाइन ट्रांजेक्शन को एक्टिवेट करवाने की आवश्यकता पहली बार पढ़ सकती है। उसके बाद आपको केवल अपने कार्ड का डिटेल उस वेबसाइट या एप्प पर डालना होता है और OTP के माध्यम से ट्रांजेक्शन को वेरीफाई करते ही आप भुगतान करके शॉपिंग कर सकते हैं।

ध्यान रखिये कि आप पहले यह जांच लें की जिस साइट पर आप शॉपिंग कर रहे हैं या जिस एप्प पर आप शॉपिंग कर रहे हैं वह फ़र्ज़ी न हो! नहीं तो आपकी मेहनत का कमाया सारा पैसा वे लोग आपसे लूट कर ले जाएंगे!

लोकल शॉपिंग

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डेबिट कार्ड क्या है

आप यदि डेबिट कार्ड अपने साथ रखते हैं तो आपको कॅश रखने की झंझट से मुक्ति मिल सकती है! कई दुकानों, रेस्टोरेंट, पेट्रोल पंप व अन्य प्रतिष्ठानों पर आजकल स्वाइप मशीन लगी होती है। जिसके माध्यम से आप अपने डेबिट कार्ड के जरिये पेमेंट करके शॉपिंग, पेट्रोल भरवाना या फिर किसी भी होटल में रुकना या खाना खाने जैसे कार्य भी आसानी से कर सकते हैं। इसके लिए आपको उस मशीन में अपना डेबिट कार्ड स्वाइप करना है और अपना 4 अंकों वाला पिन दर्ज करना है।

डेबिट कार्ड कैसे बनता है?

कई बैंक ऐसे हैं जो आपको खाता खुलवाते समय ही डेबिट कार्ड दे देते हैं। और वहीं कुछ बैंक ऐसे भी हैं जहां आपको डेबिट कार्ड के लिए अप्लाई करना पढता है। आपको एक अप्लीकेशन देनी होती है और फिर बैंक आपके घर पर 7 से 14 दिनों में डेबिट कार्ड भेज देती है।

जरूर पढ़ें – एटीएम/डेबिट कार्ड बनाने के लिए क्या-क्या डॉक्यूमेंट चाहिए?

नोट : कभी भी अपने डेबिट कार्ड ( Debit Card ) का नंबर, एक्सपायरी डेट, CVV एवं OTP किसी के साथ शेयर न करें। बैंक या कोई फायनेंशियल संस्थान कभी भी आपसे यह नहीं मांगता है। यदि कोई आपसे कॉल करके इन डिटेल्स को मांगे तो आप पुलिस में शिकायत कराएं।

FAQs

क्या डेबिट कार्ड में कोई लिमिट होती है?

जी हाँ हर डेबिट कार्ड की विथड्रॉल की एक लिमिट होती है। आप इसकी लिमिट तक ही पैसा अपने खाते से एक दिन में निकाल सकते हैं।

क्या डेबिट कार्ड की लिमिट बढ़ सकती है?

यदि आपका डेबिट कार्ड एक हाई एन्ड डेबिट कार्ड है तो आप इंटरनेट बैंकिंग या मोबाइल बैंकिंग की सहायता से इसकी लिमिट बढ़ा सकते हैं। लेकिन यदि ऐसा नहीं है तो आपको बैंक से संपर्क कर अपने कार्ड को अपग्रेड कराना पढता है।

क्या डेबिट कार्ड का कोई चार्ज लगता है?

कई डेबिट कार्ड लाइफटाइम फ्री होते हैं! पर ज्यादातर कार्ड ऐसे हैं जिनके लिए आपको सालाना एक शुल्क देना होता है। यह 99 रूपये से लेकर 1000-1500 तक भी हो सकता है।

क्या डेबिट कार्ड का उपयोग करना सेफ है?

जी हाँ! यदि आप सभी सुरक्षा नियमों का पालन करें तो डेबिट कार्ड उपयोग करना बिलकुल सुरक्षित है।

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