विरासत किसी भी भौतिक चीजों को कहा जा सकता है जैसे की घर, गाड़ी, गहने, आदि, जो मरने के बाद वसीयतकर्ता द्वारा उसके मरने से पहले निर्धारित उत्तराधिकारी को जाती है, पर हमने यह भी सुना हे की यह एक सांस्कृतिक विरासत हे तब यह किसी भी ऐसी वस्तु या स्थल की बात की जा रही होती है जो पुरानी संस्कृति और सभ्यता का प्रतिक होती है। विरासत को प्राप्त करने वाला उत्तराधिकारी कहलाता है जो वसीयतकर्ता के द्वारा निर्धारित किया जाता है। और यह कानून द्वारा स्थापित किया जा सकता है। किसी भी व्यक्ति की मृत्यु के बात उसकी वस्तुओ पर जिसका अधिकार होता है वो उत्तराधिकारी क़ानूनी तोर पर भी उन चीजों का मालिक बन जाता है क्योकि आज कल वसीयत को ले कर भी काफी कानून बन चुके है। वसीयत के नियम हर समाज में भिन्न भिन्न हो सकते है। किसी भी व्यक्ति को उसकी मृत्यु से पहले वसीयत कर देना चाहिए वरना उसकी सम्पत्ति को लेकर विवाद उत्पन्न हो सकते है। आज हम जानेंगे की क्या होता है विरासत शब्द का अर्थ क्या है Virasat Shabd Ka Arth Kya Hai और विरासत से जुड़े तथ्य ।
कैसे करे वसीयत?
वसीयत के कागजो पर वसीयतकर्ता के हस्ताक्षर के साथ साथ दो गवाहों के हस्ताक्षरों की आवश्यकता होती है। जिस व्यक्ति का मानसिक संतुलन ठीक हो और उसकी उम्र 18 वर्ष से अधिक हो वो वसीयत कर सकता है। वसीयत नामा लिखने के लिए स्टाम्प की आवश्यकता नहीं होती है। वसीयत करने में ज्यादा खर्च नहीं आता है लगभग १००० रूपये तक।
विरासत शब्द का अर्थ क्या है ? Virasat Shabd Ka Arth Kya Hai ?
आसान भाषा में समझा जाए तो विरासत उसे कहा जाता है जो बाप दादाओ द्वारा आपको दी जाती है जिस पर उनकी मृत्यु के पश्चात आपका अधिकार हो जाता है यदि वह मृत्यु से पहले उत्तराधिकारी का निर्धारण कर देते है तो जैसे की कोई जमीन, घर, आभूषण, आदि विरासत कहलाते है।
FAQs
विरासत का पर्यायवाची होता है उत्तराधिकार। इस उत्तराधिकार की प्राप्ति जिसे होती है वह उत्तराधिकारी कहलाता है।
जब आपको कोई वस्तु या सम्पत्ति अपने पूर्वजों से मिलती है तो उसे विरासत कहा जाता है।
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